देश की पहली रेलगाड़ी कब और कहां तक चलाई गई थी – यात्रीगण कृपया ध्यान दें. हमने ट्रेन के सफर के दौरान यह न जाने कितनी बार सुना होगा. गाड़ी संख्या ##### प्लेटफार्म संख्या एक पर आ रही है. ट्रेन की सुनहरी यादें आपकी जान में बैठी होगी. किसी स्लीपर कोच की कहानी, कोई थर्ड एसी वाली जुबानी, आपके दिमाग के कोने में कहीं ना कहीं तो होगा.
लेकिन कभी आपने सोचा है कि Desh ki pahli relgadi kab or kaha chali gayi thi? आज इस आर्टिकल में उस युग में चलते हैं. जब देश की पहली ट्रेन चली थी. इस आर्टिकल को अंत तक पढ़े. तो आपको बहुत सारे ऐसे फैक्ट के बारे में पता चलेगा. जो आपको आज तक पता ही नहीं होगा.
देश की पहली रेलगाड़ी कब और कहां तक चलाई गई थी
आज भारत में अधिकतर लोग सफर करने के लिए ट्रेन का चुनाव करते हैं. यह सस्ता भी है और आरामदायक भी है.
हाल के वर्षों में रेल यात्रा में कई सुविधाएं जोड़ी गई हैं. अब ट्रेन भी हाईटेक होने लगे हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि देश की पहली रेलगाड़ी कब और कहां तक चलाई गई थी?
भारत की पहली ट्रेन 1837 में चलाई गई थी. इस ट्रेन ने रेड हिल से चिन्ताद्रिपेट पुल तक की दूरी तय की थी. यह दूरी लगभग 25 किलोमीटर की थी. इस ट्रैन की शुरुआत ग्रेनाइट को ढोने के लिए किया गया था.
लोगों के लिए देश की पहली रेलगाड़ी कब और कहां तक चलाई गई थी
वर्ष 1853 के 16 अप्रैल का वह दिन था जब पहली बार 400 यात्रियों को लेकर भारत की पहली पैसेंजर ट्रेन चली थी. छुक-छुक करती इस सफर की शुरुआत मुंबई के बोरी बंदर से हुई थी और मुंबई के ही ठाणे पर जाकर खत्म हुई थी. यह सफर कल 34 किलोमीटर का था. यह अपने आप में एक ऐतिहासिक दिन था. इसलिए इस दिन को सार्वजनिक अवकाश का दिन घोषित किया गया था.
क्या आप जानते हैं : भारत की पहली ट्रेन का नाम क्या था?
रेड हिल रेलवे सुनने में ये किसी रूट का नाम लग रहा हो या किसी रेलवे बोर्ड का नाम. लेकिन यह देश की पहली ट्रेन का नाम है जो 1837 में चलाई गई थी. यह एक माल वाहक ट्रेन थी. इसका उपयोग ग्रेनाइट को लाने ले जाने के लिए किया जाता था.
वही देश की पहली पैसेंजर ट्रेन का नाम डेक्कन क्वीन था. इस ट्रेन में 400 यात्री सफ़र कर रहे थे. और इसे खींचने के लिए एक या दो नहीं बल्कि तीन-तीन इंजन लगे हुए थे.
भारत में ट्रेन कौन लाया था?
वो जमाना अंग्रेजों का था. उसे समय सफर का सबसे सुविधाजनक तरीका बस हुआ करता था. अंग्रेज इस बात को लेकर एकदम sure थे कि भारत जैसे बड़े देश में ट्रेन से उन्हें बहुत फायदा होने वाला है. यही कारण है कि आम लोगों के लिए पैसेंजर ट्रेन चलाने के विचार को लेकर 1844 में भारत के तत्कालीन गवर्नर रहे जनरल लॉर्ड हार्डिंग पूरी शिद्दत से इसके लिए लग गए. इसके बाद दो अंग्रेजी कंपनियां ईस्ट इंडिया रेलवे कंपनी और ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे के गठन के साथ इस विचार को आगे बढ़ाया गया. रेलवे को लेकर काम ने तेजी पकड़ी और 1853 में पहली बार देश की आम जनता ने ट्रेन से सफर किया.
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उस दृश्य की कल्पना
16 अप्रैल 1853 जिस दिन देश की पहली पैसेंजर ट्रेन चली थी उसे दिन को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया गया था. देश की पहली ट्रेन मुंबई के बोरी बंदर स्टेशन से लगभग 3:35 पर खुली. उस समय ट्रैक के आसपास खड़ी भीड़ ने ताली बजाकर इसका जश्न मनाया था. इस ट्रेन पर लगभग 400 यात्री सवार थे. इस ट्रेन को मुंबई के ही ठाणे स्टेशन पहुंचना था. और उसने यह दूरी लगभग एक घंटा 10 मिनट लगाकर तय की. यह ट्रेन अपने निर्धारित स्टेशन पर 4:45 पर पहुंची थी.
निष्कर्ष :
हमेशा करते हैं कि इस आर्टिकल के माध्यम से आपको Desh ki pahli relgadi kab or kaha chali gayi thi. इसकी सटीक जानकारी मिल गई होगी. ऐसे ही गौरवशाली इतिहास के बारे में और अधिक जानने के लिए इस वेबसाइट के साथ जुड़े रहे. और अगर आप कोई सवाल पूछना चाहते तो हमें कमेंट कर बताएं.