निश्चित तौर पर यह सवाल भाषा यानी लैंग्वेज पर आधारित है. हम किसी कंटेंट को शॉर्ट करते हैं और कंटेंट को शार्ट या संक्षेप करने से संबंधित कुछ नियम को फॉलो करते हैं. उन्हें में से एक नियम है किसी भी बड़े कंटेंट को शॉर्ट में यानी एक तिहाई शब्दों में लिखना. इस आर्टिकल में हम जानते हैं कि एक तिहाई शब्दों पर प्रयोग किस में करते हैं? (Ek tihai shabd par prayog kaise marte hai).
जानिए एक तिहाई शब्दों पर प्रयोग किस में करते हैं? Ek tihai shabd par prayog kaise marte hai
मुख्य तौर पर एक तिहाई शब्दों का प्रयोग संक्षेपण के कार्य के लिए किया जाता है. संक्षेपण के कार्य में किसी बड़े कंटेंट को छोटे रूप में कन्वर्ट किया जाता है. इसमें कंटेंट के मूल तत्व को बनाए रखना होता है. लेखक को मुख्य भाव को बचाए रखना होता है. और मूल कंटेंट के विचार और तथ्य को बनाए रखते हुए पूरे कंटेंट को एक तिहाई भाग में बदलना होता है.
इसके अलावा सार जो किसी रिपोर्ट शोध प्रबंध इत्यादि को लेकर संक्षिप्त और सटीक प्रस्तुतीकरण होता है. इसको लेकर भी पूरे कंटेंट को केवल एक तिहाई शब्दों में प्रस्तुत करना हो सकता है.
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एक तिहाई शब्दों पर प्रयोग क्यों आवश्यक है?
आज का जीवन बहुत गतिशील हो गया है. सभी कम से कम समय में महत्वपूर्ण बात को जानना चाहते हैं. सभी नहीं चाहते हैं कि पूरे कंटेंट को पढ़ा जाए और पूरे कंटेंट के लिए समय निकाला जाए. सभी यह चाहते हैं कि उन्हें कंटेंट के मूल तत्व की समझ हो और उन्हें कम से कम वक्त खर्च करना पड़े. ऐसे में किसी भी बात को प्रभावी और रोचक बनाने के लिए लेखक द्वारा उपयोग किए गए लेखनी के सौंदर्य को संक्षेप करते हुए उनके मुख्य विचार को एक तिहाई शब्दों में लिखना आवश्यक हो जाता है.
एक तिहाई शब्दों पर प्रयोग को लेकर रखें इन बातों का ध्यान
- इसके लिए सबसे पहले मूल कंटेंट को पढ़ लेना आवश्यक होता है.
- उसके बाद मूल कंटेंट के महत्वपूर्ण बातों या तथ्यों को रेखांकित कर लेना ज्यादा बेहतर होता है.
- तत्पश्चात उन महत्वपूर्ण भावों को जिन्हें एक तिहाई शब्दों में व्यक्त करना है उन्हें क्रमबद्ध कर लेना चाहिए.
- हमें ध्यान में रखना है कि हमें किसी भी कंटेंट को एक तिहाई शब्दों में लिखना है इसलिए उसमें अपना कोई विचार, तर्क-वितर्क या अंश नहीं शामिल करना है.
- एक तिहाई शब्दों में व्यक्त करने के दौरान भाषा के सौंदर्य को हटा देना चाहिए जैसे उल्लेखित कहावतें, अलंकार, मुहावरे इत्यादि.
एक तिहाई शब्दों पर प्रयोग की विशेषताएं
- कंटेंट पूरी तरह से पूर्ण होना चाहिए. उसके भाव स्पष्ट होने चाहिए.
- भाषा की शुद्धता और प्रवाह बनी रहनी चाहिए.
- क्रमबद्धता का ख्याल रखा जाना चाहिए.
- मूल संदेश या विचार से कोई छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए.
- अशुद्धता और व्याकरण के नियमों पर विशेष ध्यान देना चाहिए.