2024 me muharram kab hai जानिए मुहर्रम का महीना क्यों है खास?

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2024 me muharram kab hai

पूरी दुनिया जहां एक तरफ 1 जनवरी को नया साल मानती है. वही कुछ धर्म के धार्मिक कैलेंडर के अनुसार उनके नए साल की तारीख अलग-अलग होती है. ऐसा ही कुछ इस्लाम धर्म के साथ भी है. मोहर्रम इस्लामिक कैलेंडर के नए साल का पहला महीना होता है. मुस्लिम समुदाय के लिए यह एक पवित्र महीना होता है. मोहर्रम की तारीख हर साल बदल जाती है. क्योंकि मोहर्रम के शुरू होने की तारीख चांद के निकलने पर निर्भर करता है. तो आईए जानते हैं कि 2024 में मोहर्रम कब है? (2024 me muharram kab hai)

2024 me muharram kab hai

इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार 2024 में मोहर्रम का महीना 17 जुलाई 2024 से शुरू हो रहा है. वैसे यह चांद के दिखने पर निर्भर करता है. तो इसलिए ऐसा संभव है कि तारीख आगे पीछे भी हो सकती है. मोहर्रम की तारीख हर साल बदल जाती है क्योंकि यह तारीख इस्लामिक कैलेंडर पर निर्भर करता है. और इस्लामी कैलेंडर की गणना चांद के निकलने पर निर्भर करता है. इस्लामिक कैलेंडर और पूरी दुनिया में चलने वाले ग्रेगोरियन कैलेंडर में दिन की संख्या में भी अंतर होता है. इस्लामिक कैलेंडर में ग्रेगोरियन कैलेंडर से 11 दिन कम होते हैं. इस तरह इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार उनके एक वर्ष में 354 या 355 दिन ही होते हैं.

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2024 me muharram kab hai

मोहर्रम क्यों मनाया जाता है

Muharram की कहानी के पीछे त्याग है. बलिदान की कहानी है. और इस बलिदान को याद करते हुए मोहर्रम का महीना विशेष महत्व रखता है. मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि मोहर्रम के महीने में दसवीं तारीख को हजरत इमाम हुसैन कर्बला के मैदान में शहीद हो गए थे. और उनकी इस शहादत में उनके 72 साथी भी साथ थे. उनकी इसी शहादत और बलिदान को इस दिन याद किया जाता है. और मुहर्रम मनाया जाता है. इस दिन इमाम हुसैन की शहादत की याद में जुलूस निकाला जाता है.

मोहर्रम की शुरुआत कब हुई थी

मोहर्रम की शुरुआत तभी हुई होगी जब से इस्लामिक कैलेंडर की शुरुआत हुई. ऐसा कहा जाता है कि इस्लामिक कैलेंडर की शुरुआत 622 ईस्वी में हुई थी. इस्लामिक कैलेंडर को ईस्वी की बजाय हिजरी कहा जाता है. यहां हिजड़ी शब्द हिजरत से बना है. इसका मतलब प्रवास होता है. और हिजरत शब्द के विशेष होने के पीछे की कहानी कुछ ऐसी है कि पैगंबर मोहम्मद और उनके साथी मक्का से मदीना हिजरत किए थे. और जिस दिन ऐसा हुआ था वो मुहर्रम का पहला दिन था.

Muharram में क्या करना चाहिए

मोहर्रम का महीना मुस्लिम समुदाय के लिए विशेष स्थान रखता है. मान्यताओं के अनुसार मोहर्रम के नवे और दसवीं दिन को रोजा यानी उपवास रखने का चलन है. ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से उनके पिछले सारे गुनाह माफ हो जाते हैं. इस दिन नेकी के कार्य का विशेष स्थान है. जिनमें जरूरतमंदों को खाना खिलाना और पानी पिलाना आता है.

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Lover Babu
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Lover Babu

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