सीमांत सड़कों के कोई दो महत्व लिखिए – दोस्तों कोई देश तभी सुरक्षित जब उसकी सीमा सुरक्षित है. सीमा यानी बॉर्डर की सुरक्षा के भी कई पहलू है. इस पहलू में से एक है ट्रांसपोर्टेशन का एक तरीका जिसे हम सड़क कहते हैं. अगर सीमावर्ती इलाके तक सड़के बनी होती है. तो उससे बहुत तरह के फायदे होते हैं.
दोस्तों इस आर्टिकल को पूरा पढ़े ताकि आप यह समझ पाए कि सीमांत सड़कों का महत्व क्या है. अगर आप भी इस सवाल का जवाब ढूंढ रहे हैं कि सीमांत सड़कों के कोई दो महत्व लिखिए, तो आपको इस प्रश्न का जवाब इस आर्टिकल के अंत तक मिल जाएगा. इसलिए अंत तक पढ़ना जरूरी है.
सीमांत सड़कों के कोई दो महत्व लिखिए
सीमांत सड़कों के महत्व जानने से पहले दिया जाना आवश्यक है कि आखिर सीमांत सड़कें होती क्या है.
सीमांत सड़कें क्या होती हैं?
जैसा कि नाम से ही प्रतीत होता है. सीमांत यानी सीमा का अंत. हर देश चारों तरफ बॉर्डर से घिरा होता है. उन बॉर्डर इलाके तक पहुंच के लिए सड़कों का होना आवश्यक होता है. यह कई पहलुओं से आवश्यक होता है. उन्हीं बॉर्डर इलाके तक हमारी पहुंच वाली सड़कों को सीमांत सड़कें कहते हैं.
सीमांत सड़कों के कोई दो महत्व लिखिए
अब जब आपने सीमांत क्षेत्र और सीमांत सड़कों के बारे में जान लिया है. तो इसके दो महत्व के बारे में जानते हैं. सीमांत सड़के किसी भी देश की सुरक्षा और आर्थिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है. आइये निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से हम जानते हैं कि यह किस प्रकार महत्व रखता है. :
1. सबसे पहले सीमांत सड़कें राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण होता है. हम जानते हैं कि आपातकाल की स्थिति में रक्षा कर्मियों और रक्षा से संबंधित उपकरणों या अन्य चीजों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए सड़कों का होना बहुत आवश्यक है. युद्ध या छोटी-मोटी झारपों की स्थिति में अगर हमारे देश के बॉर्डर के और बिंदु तक हमारी पहुंच होती है तो इससे वहां तक किसी भी चीज को पहुंचने और वहां से लाने में बहुत बड़ी आसानी होती है. अगर सीमांत क्षेत्र तक सड़के बनी होती है तो सैनिक या अन्य सुरक्षा बलों तथा सुरक्षा से संबंधित उपकरणों को वहां तक पहुंचाने या तैनात करने में हमें सक्षम बनाती है. इन सड़कों के होने से आपातकाल की स्थिति में राहत और बचाव कार्य भी संभव हो पाता है.
2. इसके साथ-साथ सीमांत सड़कों का दूसरा महत्व यह है कि इससे सीमावर्ती क्षेत्र का विकास सुनिश्चित होता है. अगर सीमावर्ती क्षेत्रों से देश का जुड़ाव नहीं होता है तो वह क्षेत्र कटा रहता है और विकास से बाधित रहता है. ऐसे में सीमावर्ती क्षेत्र स्वास्थ्य, शिक्षा या आर्थिक दृष्टि कौन से पिछड़ जाते हैं. जो किसी भी देश के विकास के लिए कहीं से भी सही नहीं है.
सीमांत सड़कों का निर्माण और प्रबंध किसके द्वारा किया जाता है?
आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि आखिर वह सड़के बनाता कौन है और उन सड़कों का रखरखाव कौन करता है तो इसको लेकर भारत में वर्ष 1960 में सीमा सड़क संगठन की स्थापना की गई थी. जिसका मुख्य उद्देश्य सीमांत सड़कों का विकास करना था. इस बीआरओ के नाम से भी जाना जाता है. भारत के सीमांत क्षेत्र जहां प्रतिकूल से प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सड़क और पुलों का निर्माण तथा उसका रखरखाव का कार्य सीमा सड़क संगठन के रक्षा कर्मी ही देखते हैं.
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निष्कर्ष – अगर आप सीमांत सड़कों के कोई दो महत्व लिखिए प्रश्न को लेकर इस आर्टिकल को पढ़ रहे थे, तो हम आशा करते हैं कि आपको पूरी जानकारी मिल गई होगी. अपने किसी भी समस्या या सुझाव को हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं.
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