महाभारत के भीषण युद्ध में धुरंधर योद्धाओं के बीच मार काट हुई. लेकिन महाभारत के युद्ध में जैसी प्रसिद्धि अभिमन्यु को मिली. वह किसी भी और योद्धा को नहीं मिल सकी. अभिमन्यु अर्जुन के पुत्र थे. भगवान श्री कृष्ण उनके मामा थे. और अभिमन्यु की पत्नी विराट नरेश की पुत्री थी. लेकिन आज हम जानेंगे कि Abhimanyu kis gun ke liye jaane jaate hain.
ऐसा कहा जाता है कि अभिमन्यु को द्वंद युद्ध में हरा पाना लगभग असंभव ही था. लेकिन उनको छल से मारा गया था. इस आर्टिकल में हम जानते हैं कि अभिमन्यु का वह कौन सा गुण था जो उन्हें विशेष बनाता है. अभिमन्यु किस गुण के लिए जाने जाते हैं, यह जानने के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ें.
Abhimanyu kis gun ke liye jaane jaate hain
अभिमन्यु जिस गुण के लिए जाने जाते हैं वह है वीरता. अगर आप महाभारत की कहानी से अवगत है तो अभिमन्यु एक असाधारण वीर योद्धा थे. उन्होंने महाभारत युद्ध में कौरव के धनुर्धर योद्धाओं की सबसे मजबूत व्यूह रचना चक्रव्यूह के सात में से 6 द्वार भेद दिए थे. चक्रव्यूह भेदने का रहस्य उन्होंने तब ही सीख लिया था. जब वह मां की कोख में थे. अगर उन्हें चक्रव्यूह से निकलने का रहस्य भी पता होता तो इतिहास कुछ और ही होता. लेकिन दुर्भाग्य से वह निकलने का रहस्य नहीं जानते थे,
इसलिए वह चक्रव्यूह में फंस गए. इसलिए यह कहा जा सकता है कि अभिमन्यु गुरुभक्ति, सत्य पालन, परोपकारिता और वीरता में से वीरता के गुण के लिए जाने जाते थे. यह उन्हें पता था कि चक्रव्यूह में कुल सात द्वार होते हैं, और उन्हें सिर्फ प्रवेश का तरीका पता है. उन्हें चक्रव्यूह से निकलने का तरीका नहीं पता है फिर भी उन्होंने चक्रव्यूह में प्रवेश करते समय भय को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया.
अभिमन्यु क्यों प्रसिद्ध है
Abhimanyu महाभारत के युद्ध के सबसे प्रसिद्ध योद्धाओं में से एक हैं. या यू कहा जाए अभिमन्यु सी प्रसिद्धि अन्य किसी योद्धा को नहीं मिली. इसके कई कारण हैं. जिसमें से एक कारण यह है कि वह काफी कम उम्र में ही एक योद्धा की भांति रणभूमि में वीरगति को प्राप्त हुए. वह भी तब जब उन्हें कपट पूर्ण तरीके से युद्ध के नियमों को भुलाकर मारा गया.
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अभिमन्यु किसके अवतार थे
महाभारत काल के सबसे सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर और महाभारत युद्ध के नायक अर्जुन के पुत्र Abhimanyu थे. उन्हें चंद्र देवता का भी पुत्र माना जाता है. इसके पीछे की धारणा यह है कि सभी देवताओं ने अवतार के रूप में अपने पुत्रों को धरती पर भेजा था. परंतु चंद्र देव ऐसे देवता थे जिन्होंने कहा कि वह अपने पुत्र का वियोग सहन नहीं कर सकते हैं इसलिए उनके पुत्र को धरती पर अल्प आयु ही दी जाए. यही वजह है कि अभिमन्यु अल्प आयु में ही वीरगति को प्राप्त हुए थे.
अभिमन्यु की मृत्यु किस उम्र में हुई थी
महाभारत युद्ध में अभिमन्यु को काफी साजिश पूर्ण तरीके से युद्ध के नियमों को ताक पर रखकर अन्याय पूर्ण तरीक़े से मारा गया था. ऐसा कहा जाता है कि यह भी भगवान श्री कृष्ण की एक चाल ही थी. क्योंकि जब युद्ध में एक पक्ष नियम को तोड़ता तभी दूसरा पक्ष भी नियम विरुद्ध जाने का अवसर पाता. और श्री कृष्ण यही चाहते थे. कि कौरव नियम तोड़े जिससे पांडवो को भी नियम तोड़ने का अवसर मिले. अभिमन्यु जब वीरगति को प्राप्त हुए तब उनकी उम्र मात्र 16 वर्ष थी.
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