हवा को हमेशा समांगी मिश्रण क्यों नहीं मानते? – दोस्तों हवा हमारे जीवन के लिए बहुत जरूरी है. हम सांस लेते हैं इसलिए ही जिंदा है. अगर कुछ देर के लिए हवा का प्रवाह रुक जाए. तो पूरी पृथ्वी की सांस थम जाएगी और पूरी पृथ्वी वीरान हो जाएगी..
हम जानते हैं कि हवा कई गैसों का मिश्रण होता है. अब सवाल यह है कि हवा को हमेशा समांगी मिश्रण क्यों नहीं मानते. इस आर्टिकल में हम इसे बेहतर तरीके से समझते हैं. इसलिए अंत तक पढ़ें.
हवा को हमेशा समांगी मिश्रण क्यों नहीं मानते?
सांस लेने के लिए हवा बहुत जरूरी है. अब हम देश के किसी भी कोने में चले जाए. ऐसा नहीं होता है कि बिहार की हवा अलग होती है और झारखंड की हवा अलग और मुंबई की हवा अलग. सांस लेने के दौरान हमें इसमें कोई अंतर समझ नहीं आता है. लेकिन यह सामान्य अवस्था है. सामान्य अवस्था में हवा में गैसों का मिश्रण सामांगी होता है. ऐसा कह सकते हैं कि सामान्य अवस्था में हवा एक समांगी मिश्रण है. इसलिए अब यह समझना जरूरी है कि यह हमेशा समांगी मिश्रण क्यों नहीं है.
हम जानते हैं कि हवा में मुख्य तौर पर लगभग 78% नाइट्रोजन और उसके बाद लगभग 21% ऑक्सीजन पाया जाता है. इसके बाद अन्य गैसें पाई जाती हैं. लेकिन उनका अनुपात दशमलव में ही होता है. और यह सामान्य स्थिति में लगभग एक ही अनुपात में होता है. अब उन स्थितियों के बारे में जानते हैं या उन कारणों के बारे में जानते हैं जिसकी वजह से हम हवा को हमेशा समांगी मिश्रण क्यों नहीं मानते:
हवा को समांगी मिश्रण नहीं मानने का सबसे पहला कारण प्रदूषण है. प्रदूषण की वजह से गैसों का अनुपात बिगड़ा है. नाम मात्र ही सही लेकिन गैसों का अनुपात बिगड़ा है. दूसरी चीज यह है कि प्रदूषण में कई ऐसे घटक हवा में मिल जाते हैं. जो इसे समांगी मिश्रण नहीं रहने देते.
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1. ऊंचाई का अंतर
हम पृथ्वी की सतह से जैसे – जैसे ऊपर जाते हैं हवा में गैसों का अनुपात बदलता है. ऊंचाई पर ऑक्सीजन का लेवल घटता है. यह आपको भी याद होगा कि अक्सर पर्वतारोही अपने साथ ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर चलते हैं. उसके पीछे यही कारण होता है कि ऊंचाई पर ऑक्सीजन की मात्रा घट जाती है.
2. वायुमंडल के चार मंडल
वायुमंडल के चारमंडल होते हैं. जिसमें छोभ मंडल, समताप मंडल, मध्य मंडल और आयन मंडल शामिल है. इन सभी मंडलों में हवा के गैसों का अनुपात अलग-अलग होता है. इसलिए यह समांगी मिश्रण नहीं रह जाता है.
3. पर्यावरणीय कारण
कभी-कभी कुछ पर्यावरणीय कारण को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. जैसा जंगल में आग लगना या ज्वालामुखी जैसी घटना जो प्राकृतिक है. और इस वजह से वहां के हवा का अनुपात बिगड़ जाता है या उनमें बिना किसी तय अनुपात के कई घटक मिल जाते हैं.
4. तापमान
आपने हवा के कारण कई प्राकृतिक घटनाओं के बारे में सुना होगा. जैसे आंधी या तूफान. असल में जब तापमान बढ़ता है. तो वहां की हवा गर्म हो जाती है. और हवा हल्की हो जाती है. जिस कारण वह ऊपर उठती है और ज्यादा फैलती है. उसके बजाय ठंडी हवा भारी होने के कारण नीचे रहती है. इस तरह आप समझ सकते हैं कि यह समांगी मिश्रण के गुण नहीं हो सकते. तापमान इसे प्रभावित करता है.
मानवीय कारण और इंसानों का घनत्व
इंसानी क्रियाकलाप भी हवा को प्रभावित करता है. अपने दैनिक जीवन में ही बहुत सारी ऐसी चीज जैसी जैसे सामान्य तौर पर AC का उपयोग सभी करते हैं. इसी से कुछ ऐसे गैस निकलते हैं. जो हवा में मिलते हैं और हवा के अनुपात को कुछ हद तक प्रभावित करते हैं. ऐसे कई छोटे- छोटे क्रियाकलाप हवा को प्रभावित करते हैं. यही कारण है कि गांव जहां की इंसानों का घनत्व कम होता है और शहर जहां इंसानों का घनत्व बहुत ज्यादा होता है. दोनों जगह के हवा की गुणवत्ता में अंतर होता है. यहां गुणवत्ता से सीधा तात्पर्य ऑक्सीजन की मात्रा से है.
निष्कर्ष – हवा को हमेशा समांगी मिश्रण क्यों नहीं मानते?
इस आर्टिकल में हमने जाना है कि वह कौन सी परिस्थितियों होती है या वह कौन से कारण होते हैं. हवा को हमेशा समांगी मिश्रण क्यों नहीं मानते. आशा करते हैं कि आपको यह जानकारी ज्ञानवर्धक लगी होगी. ऐसे ही कंटेंट के लिए इस वेबसाइट को विजिट करते रहे और किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए हमें कमेंट कर बताएं.
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