एकांकी विद्या की कोई दो विशेषताएँ लिखिए – दोस्तों नाटक के बारे में कौन नहीं जानता है. अब अगर बात एकांकी की की जाए, तो एकांकी को आज के समय में नाटकों का T20 फॉर्मेट कहा जा सकता है. इसे लघु नाटक भी कहा जाता है.
अगर आप भी एकांकी क्या है और एकांकी विद्या की कोई दो विशेषताएँ लिखिए जैसे सवालों का जवाब ढूंढ रहे हैं. तो इस आर्टिकल को अंत तक पूरा पढ़ें. क्योंकि इससे इसको लेकर कई तरह की गलतफहमियां मन में रहती हैं. जो पूरी तरह से दूर हो सके.
एकांकी विद्या की कोई दो विशेषताएँ लिखिए
एकांकी विद्या की दो विशेषताओं को जानने से पहले हमें यह समझना आवश्यक है कि एकांकी असल में है क्या. एकांकी किसे कहते हैं? क्या एकांकी के कोई प्रकार भी हैं? इन्हीं सब सवालों के साथ इस आर्टिकल में एकांकी को गहराई से समझने का प्रयास किया गया है. तो आईए जानते हैं कि एकांकी क्या है?
एकांकी क्या है?
जवाब: एकांकी का शाब्दिक अर्थ अगर देखा जाए तो इसका अर्थ होता है एक अंक वाला. एकांकी विद्या नाटक से जुड़ी हुई विधा है. जिसे लघु नाटक के रूप में भी जाना जाता है.
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एकांकी की परिभाषा
रंगमंच पर अभिनय द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले एक अंकीय दृश्यात्मक नाटक को एकांकी कहते हैं. इसे अंग्रेजी में ‘वन एक्ट प्ले’ कहा जाता है. नाटक में कई अंक यानी एपिसोड होते हैं. लेकिन एकांकी में केवल एक ही अंक यानी एक ही एपिसोड होता है. इसलिए ही ऊपर मैंने इसे नाटकों का T20 फॉर्मेट कहा है.
इस तरह ऐसा कहा जा सकता है कि एकांकी में ऐसा संभव है कि मनुष्य जीवन के किसी एक पक्ष, एक चरित्र, एक घटना तथा एक समस्या का चित्रण ऐसी नाटकीयता और कलात्मकता के साथ किया गया हो. जिससे दर्शक उस कम समय में भी खुद को बंधा हुआ महसूस करे.
एकांकी विद्या की कोई दो विशेषताएँ लिखिए
एकांकी विद्या की दो प्रमुख विशेषताएं जो है, वो नीचे बताई गई हैं
- लघु रूप
- केंद्रित विषय
लघु रूप
जैसा कि जानते हैं एकांकी की समय सीमा लगभग 30 मिनट ही होती है. यानी एक एकांकी को 30 मिनट के अंदर ही पूरा करना होता है. यही कारण है कि इसे लघु नाट्य रूप भी कहा जाता है. इसकी कथावस्तु अत्यंत छोटी होती है. जिसमें किसी विषय के बारे में बहुत ही कम शब्दों, संवादों या दृश्य के माध्यम से अपना संदेश कहा जाता है. इसमें पात्रों की संख्या भी कम होती है. इसमें किसी एक ही घटना या एक ही भाव या किसी एक ही समस्या का चित्रण किया जाता है. जिस वजह से इसको प्रस्तुत करना सरल और प्रभावी हो जाता है.
इसे विस्तार से इस तरह से समझा जा सकता है कि जैसे किसी नाटक को अगर हम डिजिटल फॉर्म में देखते हैं. तो उसे ही परिष्कृत तौर पर फिल्म कहा जा सकता है. ठीक वैसे ही एकांकी को समझने के लिए आप शॉर्ट फिल्म को समझें. जिस प्रकार का अंतर एक फ़िल्म और शार्ट फ़िल्म में होता है. वैसा ही कुछ एकांकी और नाटक में होता है. जिसमें किसी खास मुद्दे को उठाया जाता है. और कम से कम शब्दों के साथ मनोरंजन और संदेश दोनों को पिरोया जाता है.
केंद्रित विषय
एकांकी का उद्देश्य बहुत स्पष्ट होता है. और इसकी रचना बहुत सधी हुई कम शब्दों में रची गई होती है. एकांकी में भटकाव नहीं होता है. इसमें अक्सर गंभीर विषयों की बात की जाती है. लेकिन ऐसा नहीं है कि इसमें मनोरंजन नहीं होता है. इसमें मनोरंजन के साथ गहरा संदेश भी छुपा होता है. एकांकी में चाहे पात्र हो, संवाद हो, दृश्य हो या कथावस्तु हो सभी एक ही उद्देश्य के केंद्र में बंधे होते हैं. एकांकी की कथावस्तु सामान्य नाटकों की अपेक्षा थोड़ी गतिशील होती है. इसलिए कहा जा सकता है कि एकांकी अपने उद्देश्य को लेकर बड़ी केंद्रित होती है.
एकांकी के कितने प्रकार होते हैं?
विषय के आधार पर एकांकी के कुल सात प्रकार होते हैं
- सामाजिक
- ऐतिहासिक
- सांस्कृतिक
- राजनीतिक
- पौराणिक
- चारित्रिक
- तथ्यपरक
एकांकी के कितने तत्व होते हैं?
एकांकी के कुल सात तत्व होते हैं.
- पात्र और चरित्र चित्रण
- कथावस्तु
- भाषा शैली
- संवाद
- देश काल एवं वातावरण
- उद्देश्य
- अभिनेता
इस प्रकार हमने जाना कि आखिर एकांकी नाटक साहित्य का लोकप्रिय विधा क्यों है और एकांकी विद्या की दो विशेषताएं क्या है.
निष्कर्ष – हमने इस आर्टिकल के माध्यम से जाना की एकांकी क्या होता है. और एकांकी विद्या की कोई दो विशेषताएं लिखिए जैसे सवालों का आपको जवाब मिल गया होगा. ऐसे ही जानकारी के लिए इस वेबसाइट से जुड़े रहे. और आप अपनी किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल हमें कमेंट कर बता सकते हैं.