बीपी लो होने पर क्या करें: हमारी शारीरिक संरचना ऐसी है कि यहां कुछ भी कम या ज्यादा होना हमारे शरीर के लिए अच्छा नहीं होता है. हमें हाई बीपी से होने वाले नुकसान के बारे में अक्सर पता होता है. लेकिन हमें लो बीपी के कारण होने वाले नुकसान का नहीं पता होता है. यही कारण है कि लो बीपी को लोग गंभीरता से नहीं लेते हैं. जबकि सच्चाई यह है कि लो बीपी भी हाई बीपी की ही तरफ जानलेवा साबित हो सकता है. लो बीपी के मामले में हार्ट पर अधिक प्रेशर पड़ता है. हार्ट की पंपिंग कैपेसिटी इफेक्ट होती है. तो आईए जानते हैं कि लो बीपी कैसे खतरनाक है. हमें क्यों इसे नजअंदाज नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही जानेंगे कि बीपी लो होने पर क्या करें.
लो बीपी के लक्षण (BP Low symptoms)
लोग सामान्य तौर पर ऐसे लक्षणों को शारीरिक कमजोरी से जोड़कर देखते हैं. ऐसे लक्षणों के दिखाई देने पर अपने ब्लड प्रेशर के जांच करने की आवश्यकता होती है. हो सकता है कि लो ब्लड प्रेशर के कारण आपका शरीर इस तरह के संकेत दे रहा हो :
- थकान महसूस होना
- सांस लेने में परेशानी होना
- फोकस में दिक्कत
- उल्टी जैसा महसूस होना
- चक्कर आना
- धुंधला दिखाई पड़ना
- खाने में दिक्कत होना
- बेहोशी के झटके
- सर दर्द
- बेचैनी
- आंखों के सामने अंधेरा छा जाना
- दिल की धड़कन का तेज होना
BP Low kyu hota hai
बीपी लो होने के कारण का पता लगाना मुश्किल है. यही कारण है कि यह शुरुआती दौर में पकड़ में नहीं आता है. लेकिन निम्नलिखित कुछ कारण हैं जिससे लो बीपी होने की संभावना रहती है :
- अत्यधिक तनाव
- लंबे समय तक भूखा रहना
- शरीर में पानी की कमी होना
- गंभीर चोट लगना
- सर्जरी
- लाइफस्टाइल का अस्त व्यस्त होना
- दवाइयों का दुष्प्रभाव
- अनियमित खान-पान
- जेनेटिक समस्या
- ड्रग्स का सेवन
- सिगरेट, शराब या अन्य नशा
- डायबिटीज या थायराइड जैसी बीमारी
- चोट लगने पर भारी मात्रा में खून का बहना
- दिल का दौरा या हार्ट वॉल्व में दिक्कत
- एनीमिया की शिकायत
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लो बीपी कितना होना चाहिए
सामान्य अवस्था में 120/80 को स्वस्थ शरीर का ब्लड प्रेशर कहा जाता है. वहीं अगर ब्लड प्रेशर 90/ 60 हो जाता है. तो इसे लो ब्लड प्रेशर की श्रेणी में रखा जाता है. लो ब्लड प्रेशर होने पर हमें सीधा-सीधा यह समझ लेना चाहिए कि हमारे शरीर के सभी अंगों तक खून नहीं पहुंच पा रहा है. इससे प्रभावित होने वाले अंग विशेष तौर पर हार्ट और किडनी के फैलियर होने की संभावना रहती है. लो बीपी के कारण हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी समस्याएं देखी गई हैं.
BP low me kya khaye: खानपान में करें इन्हें शामिल
खानपान हमारे दैनिक दिनचर्या का हिस्सा है. लेकिन हमें इसको लेकर थोड़ा गंभीर रहने की आवश्यकता है. हम जो खाते हैं उस पर हमारा स्वास्थ्य निर्भर करता है. तो आईए जानते हैं कि बीपी लो होने पर अपने खान-पान में किस तरह का बदलाव करना चाहिए. किन चीजों को खान पान में शामिल करना चाहिए.
क्रम संख्या | खानपान नाम | तस्वीर |
---|---|---|
1. | केला | |
2. | पालक | |
3. | शकरकंद | |
4. | टमाटर | |
5. | चिकन | |
6. | मछली | |
7. | साबुत अनाज | |
8. | अंडा | |
9. | डार्क चॉकलेट | |
10. | अंगूर | |
11. | पनीर |
जानिए कुछ घरेलू टिप्स कि बीपी लो होने पर क्या करें
बीपी लो होने की समस्या कहीं ना कहीं हमारे लाइफस्टाइल से जुड़ी हुई है. अगर हम कुछ छोटी-छोटी चीजों का विशेष ध्यान रखेंगे. तो बीपी को नियंत्रित रख सकते हैं और हम स्वस्थ रह सकते हैं.
टिप्स 1. लो बीपी होने की समस्या आने पर फौरन नमक और चीनी का घोल बनाकर मरीज को उसे पिलाएं
टिप्स 2. अपने लाइफ में योग और प्राणायाम को शामिल करें
टिप्स 3. पर्याप्त मात्रा में पानी पिए और शरीर को हाइड्रेट रखने का प्रयास करें
टिप्स 4. नमक बहुत जरूरी तत्व है. बीपी लो होने की स्थिति में ज़्यादा नमक को अपने खाने में शामिल करें.
टिप्स 5. बीपी को तुरंत बढ़ाने का एक तरीका कैफीन युक्त चीजों का सेवन भी है.
टिप्स 6. लिक्विड चीजों का लेना – जैसे दूध, मट्ठा, जूस इत्यादि
बीपी लो कैसे ठीक होता है (low bp solution)
जब हम अपने स्वास्थ्य को लेकर जब लापरवाह होते हैं तो उससे लो ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन की समस्या उत्पन्न होती है. इसको लेकर आपको अपने डेली के रूटिंग को ठीक करना होता है. डेली रूटीन में अच्छी-अच्छी आदतें शामिल करनी होती है. अच्छे-अच्छे खान-पान को शामिल करना होता है. जिससे पोषक तत्व हमारे शरीर को मिलता रहे और शरीर में किसी तरह से खून की कमी ना हो. हमें तनाव से दूर रहने की आवश्यकता होती है.
लेकिन फिर भी अगर कोई व्यक्ति लंबे समय से लो बीपी की समस्या से जूझ रहा है, तो उन्हें डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत है. चिकित्सीय परामर्श के बाद उन्हें दवाइयोन के सेवन की जरूरत है. वैसे तो यह एक आम समस्या है. लेकिन इस नजर दम तक किए जाने पर यह जानलेवा भी हो सकता है.
डिस्क्लेमर – यह आर्टिकल चिकित्सीय विशेषज्ञ के द्वारा नहीं लिखी गई है. इसलिए यहां बताए गए किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य ले ले.