संघर्षों से तपकर में इतना निखार जाऊंगा की एक दिन दुनिया को मैं सूरज बनकर दिखलाऊंगा. कुछ ऐसी ही कहानी है राजाराम प्रसाद की. वैसे तो वह आज की दुनिया में बहुत बड़े युटुबर, ब्लॉगर और इनफ्लुएंसर है. लेकिन कहते हैं ना कि यहां कभी-कभी अपने हक का छीनना पड़ता है. अपने हक के लिए लड़ना पड़ता है. अपने हक का जीतना पड़ता है. झारखंड के एक बहुत ही छोटे से गांव से आने वाले राजाराम प्रसाद की कहानी बहुत प्रेरक है कि कैसे एक गांव का लड़का आज यूट्यूब पर मिलियन सब्सक्राइबर के साथ राज कर रहा है. तो आईए जानते हैं इनके बारे में सब कुछ विस्तार से कि इनकी अब तक की यात्रा कैसी रही. इन्होंने किन संघर्षों को झेला, उसमें तपे और उसे पार पाया है.
Jharkhand के Top YouTuber की List में Rajaram Prasad है.
- Manoj Dey – 5.68M subscribers
- अंतरिक्ष TV – 4.72M subscribers
- RISHI GAMING – 4.08M subscribers
- Sikhe All In Hindi (AKA Rajaram Prasad) – 3.48M subscribers
- The Comedy Kingdom – 3.11M subscribers
कौन हैं राजाराम प्रसाद
राजाराम प्रसाद वर्तमान में एक सक्सेसफुल यूट्यूबर हैं. उनका मुख्यतः एक tech रिलेटेड चैनल है. इसके साथ-साथ ये सक्सेसफुल ब्लॉगर भी हैं. इसके अलावा आपको यह जानकर हैरानी होगी कि प्ले स्टोर पर उनके कुछ एप्स भी है जिसे लाखों लोग यूज़ कर रहे हैं. और उन्हें पता ही नहीं है उसे बनाने वाला व्यक्ति झारखंड के गढ़वा जिले के एक छोटे से गांव में रहता है. आज इनकी कहानी को हर कोई जानना और सुनना चाहता है. यही कारण है कि पिछले वर्ष जीवन यात्रा को बताने का सबसे बेहतरीन प्लेटफार्म जोश टॉक्स (Josh Talks) ने भी इन्हें अपनी कहानी बताने के लिए आमंत्रित किया था.
जहां इन्होंने अपनी कहानी दुनिया के सामने रखी और सभी ने इनके संघर्ष को सलाम किया. उसके साथ ही कई बड़े चैनल पर उनके इंटरव्यूज आ चुके हैं. समाचार पत्रों में भी इनकी प्रेरक कहानी छप चुकी है. इस प्रकार कहा जा सकता है कि राजाराम प्रसाद आज के समय में किसी पहचान के मोहताज नहीं है. बल्कि वह अपने क्षेत्र के लिए एक लैंड मार्क है और एक प्रेरणा है.
इनका जन्म झारखंड के गढ़वा जिले के छोटे से गांव में वर्ष 1997 में हुआ है. इनके दो बड़े भाई हैं और एक छोटी बहन है. वर्तमान समय में इनकी शादी हो गई है. फिलहाल अपने गांव में ही अपने परिवार और अपनी मां के साथ यूट्यूब से कमाए हुए पैसे से ही बनाए आलीशान मकान में रहते हैं.
क्या है इनकी उम्र और कमाई
राजाराम प्रसाद की वर्तमान उम्र 26 वर्ष है. इनकी जन्म तिथि (Date Of Birth) ०१-०१-१९९७ है. लेकिन यूट्यूब के माध्यम से इनकी कमाई लाखों में तभी होने लगी थी जब इनकी उम्र मात्र 19 वर्ष थी. यूट्यूब के माध्यम से इनकी पहली कमाई 1 लाख 50 हजार रुपये थी. वहीं आज इनकी मासिक आमदनी लगभग 2 लाख रुपये है. जो ये यूट्यूब, ब्लॉग और अपने apps से कमाते हैं.
अभी कहाँ रहते हैं राजाराम
इनका जन्म झारखंड के छोटे से जिले गढ़वा के – गांव में हुई थी. यहीं इनका पुश्तैनी निवास है और राजाराम वर्तमान में यही रहते हैं. यहाँ इन्होंने अपनी यूट्यूब और ब्लागिंग की कमाई से एक आलीशान घर बनाया है और यह अपने सारे काम को यहीं से ऑपरेट करते हैं.
छोटी उम्र में ही छिन गया बचपन
कहते हैं ना की जिंदगी आपके सामने कभी-कभी ऐसी परिस्थितियों दे देगी कि उसे संभाल पाना या निकल पाना बहुत मुश्किल हो जाता है. उस समय ऐसा लगता है कि जिंदगी अब खत्म हो गई. लेकिन राजाराम प्रसाद की उम्र तो इतनी छोटी थी कि उन्हें समझ ही नहीं थी कि आखिर जिंदगी में हो क्या रहा है. शायद उस छोटी उम्र के संघर्ष ने ही राजाराम प्रसाद को मेहनत करना सिखाया. राजाराम को यह सिखाया कि यहां सब कुछ सिर्फ मांगने से नहीं मिलता है, हक के लिए लड़ना पड़ता है, मेहनत करना पड़ता है और अपने हक का छीनना भी पड़ सकता है.
बचपन बहुत तंगी के दौर से नहीं गुजर रहा था. यह अपने दो भाइयों के साथ प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे. इनके पापा का छोटा सा बिजनेस था. जो ठीक-ठाक चल रहा था. कहा जा सकता है कि एक लोअर मिडल क्लास फैमिली में काफी सुकून से जी रहे थे. भले ही इनका जन्म मिट्टी वाले घर में हुआ था लेकिन पिताजी अपनी कमाई से धीरे-धीरे घर को सवारने लगे थे. अपनी कमाई से उसे मिट्टी वाले घर को खपड़े के घर में बदल दिया था. जो पहले से ज्यादा सुरक्षित और बेहतर था. इस तरह समझा सकता है कि जिंदगी इतनी बुरी नहीं थी. जिंदगी कुल मिलाकर औसत दौर से गुजर रही थी. लेकिन पहला झटका तब लगा जब इनके पापा को वर्ष 2003 में पैरालिसिस हो गया.
पापा के पैरालिसिस के बाद 8 साल की कच्ची उम्र में राजाराम ने बेचे ब्रेड
तब यह कक्षा दो में थे. और इसके बाद पूरी जिंदगी ही बदल गई. इन्हें प्राइवेट स्कूल को छोड़ना पड़ा. यह प्राइवेट स्कूल से सरकारी स्कूल में आ गए. जिंदगी बचपन के दौर में थी लेकिन बचपना खो चुका था. स्थिति ऐसी बनी कि उन्होंने कक्षा 2 में ही घूम-घूम कर पावरोटी बेचना शुरू कर दिया. गर्दन में आगे की तरफ टोकरी लटकी हुई होती थी और उसमें पावरोटी रखे हुए थे और 8 साल की कच्ची उम्र में राजाराम उस टोकरी में रखे पावरोटी ले लो, पावरोटी ले लो कह कर बेचते फिरते थे और और यहीं से राजाराम ने अपनी जिंदगी का पहला सबक सिखा कि जिंदगी हमेशा आसान नहीं होती है. जिंदगी कभी-कभी आपके सामने ऐसे बाउंसर दे जाती है कि आपको उसका जवाब देना पड़ता है. जो उसका जितना डट कर जवाब देता है उसे जिंदगी फिर उतना ही बड़ा तोहफा देती है.
खुद ही करने लगे कलम कॉपी का जुगाड़
राजाराम को बचपन से ही पढ़ाई के प्रति बहुत लगाव था. इन्हें पता था कि अगर कोई एक चीज जो जिंदगी बदल सकती है. तो वह शिक्षा है. यही कारण है कि इनके पिताजी ने प्राइवेट स्कूल में इनका दाखिला कराया था. लेकिन जब स्थिति बदली तो इन्हें कॉपी कलम तक के पैसे नहीं मिलने लगे. सारी जमा पूंजी पिताजी के इलाज में खर्च हो गया और जो थोड़ी बहुत कमाई होती थी वह भी उनकी दवाइयों में चली जाती थी. इसके बाद राजाराम प्रसाद ने अपनी जिंदगी की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली. और मात्र 8 वर्ष की आयु में ही जब एक कक्षा दो में थे उसी समय से घूम घूम कर घर में बने पाव रोटी को बेचने लगे.
उसी से इनके कलम कॉपी का जुगाड़ होने लगा. इस तरह राजाराम की कहानी काफी प्रेरक है. जिस दौर में बच्चे खिलौने के जिद करते हैं. राजा राम ने उस दौर में अपने लिए, अपनी जिंदगी के लिए कॉपी किताब कलाम का खर्चा निकालने के साथ-साथ घर में भी कुछ पैसा देना शुरू कर दिया.
कक्षा 6 से साईकल से पावरोटी बेचने लगे
इन्होंने कभी जिंदगी से शिकायत नहीं की. बल्कि जो भी परिस्थिति मिली हमेशा उस स्थिति का सबसे अच्छा उपाय निकालने का प्रयास किया. धीरे-धीरे इनकी उम्र बढ़ी और जब यह कक्षा 6 में गए तो जिस समय बच्चे खेलकूद को लेकर उत्साहित होते हैं. राजाराम ने पापा की पुरानी साइकिल उठायी और अपने संघर्ष में लग गए. एक बड़ी सी साइकिल जिस पर सीट के ऊपर बैठना बच्चों के लिए मुश्किल था क्योंकि उस समय तक इनका पाँव जमीन को नहीं छूता था. तो इन्होंने नीचे नीचे ही पाँव डालकर बिना सीट पर बैठे ही साइकिल चलाना शुरु किया और साइकिल से पावरोटी बेचने लगे.
कंपकपाती ठंड में 5 बजे निकल जाते थे
अब इसे अपने जीवन के प्रति जिम्मेदारी कहिए या जीवन का उम्र से पहले गंभीर हो जाना. राजा राम सर्द ठंड में ही अपनी साइकिल लेकर सुबह 5:00 बजे निकल जाते थे और 8:00 बजे तक वापस आते थे. कभी-कभी पावरोटी बिकती थी. कभी-कभी उन्हें सारे पावरोटी को वापस लाना पड़ता था. इस तरह जिंदगी चल रही थी. वही गर्मी के मौसम में ये बर्फ वाले आइसक्रीम बेचने का भी काम करते थे. संघर्ष के इस दौर ने ही राजा राम के भविष्य की बुनियाद रखी. जिसमें इन्हें समय का मोल हो गया. इन्हें परिस्थितियों से निपटने का तरीका पता चलने लगा. कहते हैं ना कुछ चीज आप किताबों में पढ़कर नहीं सीख सकते हैं. आपको जो जिंदगी सिखा देती है.
वह जिंदगी के लिए बड़ी काम आती है. समय का मोल करना, परिस्थितियों के अनुसार अपने प्लान को बदलना यह राजाराम ने बचपन में ही सीख लिया था. यही कारण है कि आज के समय में वह एक सफल यूट्यूबर होने के साथ-साथ एक सफल ब्लॉगर और इनफ्लुएंसर भी है. उन्हें स्थिति की बेहतर समझ होती है कि आने वाले कल में क्या चलेगा. अगर कोई एक चीज नहीं चल रही है तो वह कौन सी दूसरी चीज हो सकती है. जिस पर काम किया जा सकता है. इसी चीज़ को देखते हुवे इन्होंने आज के दौर में फैल रहे झूठे फेक न्यूज़ को रोक लगाने के लिए नया News Website News9to5.com लॉंच किया है. जहां आप देश-दुनिया की रियल News English में पढ़ सकते है.
10th में गणित में आये 84 मार्क्स
राजाराम बचपन से ही पढ़ाई में बहुत होशियार थे. कुछ काश बाकी रह जाता है. इस काश में अगर हम यहां कहें कि शायद राजाराम को अगर बेहतर अवसर मिला होता तो आज यह कहीं और होते. लेकिन एक बात जो अक्सर बड़े बूढ़े कहते हैं कि जो होता है अच्छे के लिए होता है. राजाराम भले ही कुछ और बन पाते लेकिन वह यूट्यूबर पर नहीं बन पाते जिसकी आज दुनिया दीवानी है. जिसे लोग चाहते हैं. शायद किसी कंपनी में ये अच्छे पोस्ट पर भले होते लेकिन इनकी आज वाली पहचान नहीं होती.
करना चाहते थे इंजीनियरिंग
10th में बेहतर रिजल्ट के बाद उन्होंने साइंस से 12th किया. जिसमें इनको 64% मार्क्स आए थे. इसके बाद इनका सपना बीटेक (B.Tech) या बीसीए (BCA) करने का था. इन्होंने डाल्टनगंज के एक नामी कॉलेज में एडमिशन के लिए प्रयास भी किया. यहां तक कि वहां के मेरिट लिस्ट में इनका नाम तक आ चुका था. लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से ये एडमिशन नहीं ले पाए और अंत में इन्होंने मैथ से ग्रेजुएशन के लिए एडमिशन ले लिया.
फँस गए नेटवर्किंग के जाल में
Intermediate के दौरान ही इनकी कुछ लोगों से मुलाकात हुई. जिन्होंने इन्हें कटनी (भोपाल) में सरकारी जॉब दिलाने की बात कही. उनकी बातों में आकर यह कटनी पहुँच गए. जहाँ इनसे जॉब के बदले ₹20 हजार देने की बात कही गई. इन्होंने अपनी व्यक्तिगत जमा पूंजी जो कुल ₹20 हजार थी. वह जमा कर दिया. इसके बाद इन्हें पता चला कि ये नेटवर्किंग के जाल में फंस चुके हैं. अब इन्हें नए लोगों को जुड़वाना है और उनसे भी ₹20 हजार मंगवाना है. चुँकि ये खुद समझ चुके थे कि यह नेटवर्किंग है जिसमें सिर्फ कंपनी का फायदा होने वाला है. और जिस तरह यह जाल में फंसे थे. यह नहीं चाहते थे कि कोई और फँसे. तो कुल मिलाकर इनकी जमा पूंजी भी डूब गई और इनका समय भी खराब हुआ.
यूट्यूब की जानकारी
नेटवर्किंग में अक्सर मोटिवेशनल सेमिनार आयोजित किए जाते थे. उस दौरान नेटवर्क मार्केटिंग के किसी सीनियर के द्वारा इन्हें यूट्यूब से पैसा कमाने के बारे में पता चला. इन्हें यह तरीका सही लगा. इन्होंने यूट्यूब के बारे में पहली बार जाना और 2015-16 के आसपास में ही जिओ (Jio) के फ्री इंटरनेट का भी बूम आया था. इस दौरान 2016 में इन्होंने अक्टूबर महीने में अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया इसके बाद कुछ ही दिनों में इनके दो वीडियो बहुत वायरल हुए और इनका चैनल पैसे कमाने के लायक़ बन गया. लेकिन यूट्यूब की पहली कमाई अटक गई थी.
यूट्यूब से मिली पहली कमाई लाखों से शुरू हुई थी
राजाराम की जिंदगी अभी भी ऐसी थी जिनके लिए ₹100 भी मायने रखता था. वैसे समय में इन्होंने यूट्यूब से लगभग डेढ़ लाख रुपए कमाए थे. यह उनके लगभग 5 महीने की मेहनत का फल था.
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यूट्यूब की पहली कमाई अटकी
यूट्यूब से इन्हें लगभग चालीस हजार रुपए हो चुके थे. लेकिन यूट्यूब से पैसा निकालने के लिए इन्हें ऐडसेंस के पीन की आवश्यकता थी. और उनके ऐडसेंस अकाउंट में कुछ दिक्कत की वजह से इन्हें पीन नहीं मिल पा रहा था. इसके बाद इन्हें माय स्मार्ट सपोर्ट सर के द्वारा हेल्प मिली. जिनको इन्होंने अपनी समस्या बताई. जिसके बाद माय स्मार्ट सपोर्ट के सर की मदद से इनका गूगल ऐडसेंस अकाउंट वेरीफाई हुआ और उनकी पहली कमाई डेढ़ लाख रुपए इनके अकाउंट में दिखने लगा. जो अब यह विड्रोल कर सकते थे.
ATM स्वैपिंग कर की गई लाखों रुपये की चोरी
राजाराम जहां एक तरफ सौ सौ रुपए के लिए मेहनत कर रहे थे. वहीं इनको विश्वास नहीं हो रहा था कि अब उनके अकाउंट में डेढ़ लाख रुपये आ चुके हैं. इन्होंने खुद को विश्वास दिलाने के लिए पास के एटीएम में जाकर अपने अकाउंट में से कुल ₹6000 निकाले. लेकिन उस दौरान इन्हें पता नहीं चला कि साइबर ठगों ने उनके एटीएम को बदल लिया है. और एटीएम बदलने की जानकारी तब मिली जब इनके मोबाइल पर 1 बजे दिन में एक लाख छिहत्तर हजार रुपये निकालने का मैसेज आया.
कैसे हो गया एकाउंट खाली
असल में जब राजाराम एटीएम से पैसे निकाल रहे थे. तब उनके पीछे खड़े दो अनजान व्यक्तियों ने अपना अकाउंट चेक करने की बात कहीं और उस दौरान अनजाने में उन्होंने राजाराम से एटीएम बदल लिया. फिर 2 घंटे बाद इन्हें उनके अकाउंट से पैसे निकासी का एसएमएस प्राप्त हुआ. और एकाउंट खाली हो चुका था. इसके बाद यह हताश हो गए. इन्होंने बैंक को इसकी सूचना दी और अपना एटीएम कार्ड ब्लॉक करवा दिया. लेकिन तब तक उनके अकाउंट से कुल पैसे निकल जा चुके थे.
निराश मन के साथ की नई शुरुआत
हालांकि यह राजाराम के लिए बहुत बड़ा झटका था. उनकी अब तक की कुल कमाई फिर से शून्य हो चुकी थी. लेकिन इन्हें अपनी मेहनत और यूट्यूब पर पूरा भरोसा था. इन्होंने निराशा मन के साथ फिर से एक नई शुरुआत की और इन्होंने नई ऊर्जा के साथ फिर से यूट्यूब पर काम किया. इसके बाद उन्होंने फिर कभी मुड़ कर नहीं देखा.
यूट्यूब चैनल के अलावा क्या क्या करते हैं राजाराम
आज राजा राम एक सफल यूट्यूबर हैं. जिनके यूट्यूब चैनल Sikhe All In Hindi पर 3 मिलियन से ज़्यादा सब्सक्राइबर है. इसके साथ ही उनके कई और अन्य चैनल हैं और उनके लगभग एक दर्जन ब्लॉग हैं जो इनकी कमाई का एक और स्रोत है. इसके साथ-साथ राजाराम के कई एप्स प्ले स्टोर पर है, जिनके लाखों में यूजर्स हैं. और यह उनसे भी पैसा कमाते हैं.
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