Maldives bankruptcy: मालदीव की हवा निकली, भारत से पंगा लेकर हुआ बर्बाद

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Maldives bankruptcy news

Maldives bankruptcy हो गया मालदीव. ऐसा खुद मालदीव ने IMF को साझा करते हुए कहा है कि वह दिवालिया हो गया है. और उसने IMF से कर्ज मांगा है।

तो क्या सच में भारत से पंगा लेने पर मालदीप के बुरे दिन शुरू हो गए हैं. इसके लिए आइए जानते हैं सब कुछ डिटेल में इसलिए इस आर्टिकल को पूरा अंत तक पढ़िए.

Maldives bankruptcy news कितना सच है?

हाल में मालदीप के साथ कुछ ऐसा हुआ है जिसकी उसने सपने में भी कल्पना नहीं की होगी. मालदीप और भारत के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है जो जगजाहिर है. यह विवाद अभी खत्म नहीं हुआ है. इस बात की शुरुआत तब हुई जब मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जु ने जानबूझकर भारत से पंगा लिया. उसने इंडिया आउट अभियान चलाया और भारतीय सैनिकों को मालदीव से बाहर निकालने का एजेंडा बनाया. और यह विवाद धीरे-धीरे तूल पकड़ता गया जिसकी वजह से भारत और मालदीव के रिश्ते खराब होने लगे.

बात अगर Maldives bankruptcy की की जाए तो इस खबर के सच होने की अधिक संभावना है. यह बात जंगल में आग की तरह तब फैली जब frontalforce नामक यूजर में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस सम्बंध में पोस्ट करते हुए मालदीव के bankrupt होने का दावा किया.

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भारत से पंगा लेकर Maldives bankrupt हुआ

भारत से पंगे की शुरुआत राष्ट्रपति मालदीप के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जु ने जानबूझकर की. ऐसा तब हुआ जब उसने इंडिया आउट अभियान चलाकर मालदीव में रह रहे भारतीय सैनिकों को देश से निकालने का एजेंडा चलाया. उनका भारत विरोधी रवैया तब भी नहीं रुका. इसके बाद जब मोदी जी ने साल की शुरुआत में लक्षद्वीप में अपना समय बिताते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट डाला तो मालदीव के तीन मंत्रियों ने उन पर विवादित टिप्पणी की थी. हालांकि बाद में तीनों मंत्रियों को निष्कासित करना पड़ा लेकिन राष्ट्रपति मोइज्जु ने इस मामले पर मंत्रियों के विरोध में कोई बात नहीं कही.

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इस तरह उसकी मानसिकता भारत से पंगा लेने की और चीन की गोद में बैठने की साफ-साफ दिख रही है. भारत आउट अभियान और लक्षद्वीप वाले मामले के बाद विशेष रूप से भारतीयों ने मालदीव को लेकर अपने घूमने की योजना कैंसिल कर दी. जिससे मालदीव की अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ा.

कितना भारी पड़ा भारत से पंगा

ऐसा नहीं है कि मालदीप और भारत के रिश्ते शुरुआत से खराब रहे थे. मालदीप और भारत के रिश्ते शुरुआत से बहुत अच्छे थे. लेकिन राष्ट्रपति मोइज्जु के आने के बाद दोनों देशों में तकरार होनी शुरू हो गई. जिसकी शुरुआत मालदीव के तरफ से की गई. वर्तमान राष्ट्रपति मोइज्जु शुरुआत से ही भारत विरोधी रहे हैं. पीएम मोदी के लक्षद्वीप जाने के बाद जिस तरह से मालदीप के मंत्रियों ने टिप्पणी की इससे भारतीयों में गुस्सा पैदा हो गया. इसके बाद भारतीयों ने बड़ी संख्या में मालदीप का विरोध करना शुरू कर दिया. और यह एक तरह से राष्ट्रीय मुद्दा बन गया. जिसके बाद बड़े सेलिब्रिटीज और अधिकतर लोगों ने मालदीप घूमने की अपनी ट्रिप कैंसिल कर दी.

भारत की कई बड़ी ट्रैवलिंग कंपनियों ने मालदीव को लेकर अपना प्लान ही बंद कर दिया. चुँकि मालदीव की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर ही टिकी हुई है. इससे उसकी अर्थव्यवस्था को बहुत तगड़ा झटका लगा. आप यह समझ सकते हैं कि रिपोर्ट के अनुसार पिछले वर्ष मालदीव में सबसे ज्यादा पहुंचने वाले पर्यटक भारतीय थे. इस तरह उनकी अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका मिलने से मालदीव की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है.

Maldives bankruptcy: दिवालिया हुआ मालदीव

हाल ही में एक ऐसी रिपोर्टें आई है जिसके अनुसार कहा जा रहा है कि मालदीप दिवालिया हो गया है. और यह कोई भ्रामक या मनगढ़ंत बात नहीं है. रिपोर्ट के अनुसार दावा किया जा रहा है कि मालदीव ने इंटरनेशनल मोनेटरी फंड यानी आईएमएफ से अपनी स्थिति साझा की है. जिसमें उसने बताया है कि वह दिवालिया हो चुका है. वैसे भारत से पंगा लेने के बाद मालदीव के बुरे दिन आने की संभावना तो सभी जाहिर कर रहे थे. लेकिन यह बुरा असर इतनी जल्दी देखने को मिलेगा यह किसी ने उम्मीद नहीं की थी. यह वही भारत देश रहा है जो मालदीप की हर परिस्थिति में खड़ा रहा है. मालदीप ने अपनी हरकतों की वजह से अपने पैर पर ही कुल्हाड़ी मार ली है. जिसका परिणाम उसे भुगतना पड़ रहा है.

मालदीव दिवालिया होने के बाद की है (maldives imf bailout) बेलआउट की मांग

मालदीप ने इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (international monetary fund) यानी आईएमएफ (IMF) से दिवालिया होने की जानकारी को साझा करते हुए बिल आउट लोन की मांग की है. उसने साफ-साफ शब्दों में कहा है कि वह दिवालिया हो चुका है. उसकी अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. जिसे संभालने के लिए उसे बेल आउट लोन की जरूरत है. भारत से पंगा लेने के बाद मालदीव की अर्थव्यवस्था का चरमराना तो तय था. मालदीप की अर्थव्यवस्था बुरे दौर से जूझते हुए अब दिवालियापन की कगार पर खड़ी है. ऐसे में उसने अपनी स्थिति को सुधारने का भरसक प्रयास करने के लिए इंटरनेशनल मोनेटरी फंड से कर्ज की मांग की है.

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